यूक्रेन और रुस क़े बीच छिड़ा भयंकर युद्ध
मास्क़ो(प्रजातंत्र शक्ति,त्रहण) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्ध की घोषणा कर दी है। उनके इस ऐलान के बाद किसी भी वक्त रूस की सेना यूक्रेन में घुस सकती है। वहीं, पुतिन ने उन लोगों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है जो यूक्रेन में रूसी ऑपरेशन में हस्तक्षेप करते हैं। पुतिन ने यूक्रेन की सेना से ‘हथियार डालने’ की भी अपील की है।पुतिन ने टेलीविजन पर एक संबोधन में कहा कि यूक्रेन द्वारा पेश किए जा रहे खतरों के जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि रूस का लक्ष्य यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है और खून-खराबे के लिए यूक्रेन का शासन जिम्मेदार होगा। पुतिन ने अन्य देशों को आगाह किया कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे,जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे।उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर यूक्रेन को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने से रोकने और मॉस्को को सुरक्षा गारंटी देने की रूस की मांग की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया। पुतिन ने कहा कि हथियार डालने वाले सभी यूक्रेनी सैनिक सुरक्षित रूप से युद्ध क्षेत्र से बाहर निकल पाएंगे।संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से अपने सैनिकों को यूक्रेन पर हमला करने से रोकने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपने सैनिकों को यूक्रेन में प्रवेश करने से रोकने के लिए कहा है।वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में रूस ने अपने आक्रमण को सही ठहराया है। रूस ने कहा, ”राष्ट्रपति पुतिन द्वारा घोषित विशेष अभियान यूक्रेन के लोगों की रक्षा के लिए है जो वर्षों से पीड़ित हैं। हमारा लक्ष्य यूक्रेन को नरसंहार से मुक्त करना है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के अनुरूप निर्णय लिया गया है। हम यूक्रेन में स्थिति का विश्लेषण करेंगे।”आपको बता दें कि अलगाववादियों के कब्जे वाले पूर्वी यूक्रेन के शहर डोनेट्स्क में गुरुवार तड़के कम से कम पांच विस्फोटों की आवाज सुनी गई है। इसके बाद चार सैन्य ट्रक घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से यह जानकारी दी थी।रूस ने पूर्वी यूक्रेन के अशांत क्षेत्र लुहान्सक और दोनेत्सक को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया है और वहां अपनी सेना को भेजने के भी आदेश दिए हैं। इसी बीच बुधवार को कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि उन्होंने रूसी सीमा की तरफ से दोनेत्सक की ओर दो सैन्य काफिलों को बढ़ते देखा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो आधुनिक सैन्य सामग्री से लैस इन काफिलों में सैन्य वाहनों पर किसी देश के प्रतीक चिन्ह नहीं हैं।
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